
मन की सोच क्या क्या है ?
मुखमे राम, बगल में छुरी;
सब लोग बात करते है अधूरी;
मनमें घृणा, आँखों में प्यार,
सबका यही है विचार;
मनमें प्यार मुख पे क्रोध,
सद्गुरु करते है इस का विरोध;
मुख में प्यार हाथमें हथियार,
आतंकी का यही है कायमी अधिकार;
दुश्मन के प्यार दोस्त का तिरस्कार,
पल में पलट जायेगा दुनिया का आविष्कार;
तन कहता है आनंद कहाँ,
मन कहता है परमानन्द यहाँ;
विचार ढूंढता है मिट्टीमें,
सब का मन कहता है सारी दुनिया मेरी मुट्ठीमें.