Happiness for Body and Mind perfect thinking
How to Happiness in whole Life during difficult period?


शारीरिक सुख – मानसिक सुख
शरीरके साथ जुडा हुआ है वह शारीरिक सुख,
- शारीरिक सुखकी जरूरियात :
- खुराक :- जैसी भी मिले स्वादिस्ट होनी चाहिए, मुजे तो पिझा, बर्गर, दाबेली, पंजाबी थाली, गुजराती थाली, पकवान, मेवा मिठाईयां, श्रीखंड, दुधपाक, शिरो, जलेबी, गाठिया, पापड़, पूरी, परोठा, स्वादिष्ट सब्जिया, चटनी, सलाड, पानीपूरी, भेल पूरी, चटनी पूरी, अचार – गाजर, केरी, गुंदा, छुन्दो, मेथी चना, विगेरे….
- पानी :- स्वच्छ , ताजा और पिने लायक होना चाहिए,
- हवा :- श्वास लेनेमें दिक्कत ना हो नि चाहीए,
- पोशाक :- पहन ने के लायक, बढ़िया से बढ़िया यानी महँगा होना चाहिए, (वट पड़ना चाहिए)
- सेंट :- सबको मोहित करदे ऐसा होना चाहिए, मेरे जैसी कोई सुन्दर नहीं होनी चाहिए,
- जमीन :- मेरा बंगला सबसे महँगा हो न चाहिए, मेरी जमीन खेती लायक होनी चाहिए, बंजर हो तो किसीको समजा बजाकर बेच देनी चाहिए, उसका कुछ भी हो मुजे तो मेरा पैसा मी,
- व्यायाम :- मेरा शरीर सबसे ताकतवर होना चाहिए,
- सुविधा :- हर प्रकार की मिलनी चाहिए, गाड़ी, बंगला, मिल्कत मुजे शारीरिक सुख देती चाहिए,
- प्रेमिका ऐसी होनी चाहिए जो मुजे प्यार करे, मुजे शारीरिक सुख दे,
- मेरा जुता ऐसा होना चाहिए जो मेरे पैरो को कष्ट न पहोचाए,
- मेरी घडी भी मेरे हाथ की शोभा बने, अरे सोने की रिंग भी,
- मेरी आँखों पे बहेतारिन स्मार्ट चस्मा हो तो और मजा आएगा,
- मेरी हेलमेट अनब्रेकेबल होनी चाहिए, जब मै ड्राइव करु,
- मेरा स्केटिंग वाला शूज़ बेस्ट कम्पनी का हो न चाहिए,
- मेरी पेन प्रेम पत्र लिखते समय रुकनी नहीं चाहिए,
- मेरा शर्ट पिंक कालका हो तो !
- मेरी पेंट लाइट ग्रे हो तो !
- साडी तो ये कलर की ही होनी चाहिए?
- ब्लाउज मेच नहीं हो रहा !
- सारे कपडे मेरा फिटो फिट होना चाहिए,
- मेरी प्रशंशा हररोज होनी चाहिए,
- मेरी जिद के आगे मेरा पति कुछ भी नहीं, ऐसी सोच वाली पत्नी शारीरिक सुख से वंचित रह जाती है,
- शरीर के सुख के लिए लोग कुछ भी कर शकते है,
- भोग विलास ही शरीर का सुख है ! कुछ लोगो की यही सोच मानसिक सुख खो बैठते है,
- रोगी व्यक्ति भी शरीर को ठीक करनेकी हरदम कोशिश करता रहता है,
- निरोगी व्यक्ति जैसा तैसा खा कर बीमार बन जाता है,
- जब ज्यादा सुख होता है तो दुसरे के सुख को दुःख देने लगता है,
- और जब अधिक दुःख आने पर सुख की नींदा करता है,
- शरीर के लिए जितनी जरुरिआत हो उतना ही करना चाहिए, तो सुख मिल शक्ता है,
- मस्तक का सुख, आँखों का सुख, नाक का सुख, होठो का सुख, गर्दन का सुख, भुजाओ का सुख, छाती का सुख, पटका सुख, नाभि का सुख, कमर का सुख, नितम्ब का सुख, इन्द्रीय का सुख, जांघ का सुख, हाथ का सुख, पैर का सुख…
- लिखने का सुख, लिखाने का सुख, बोलने का सुख, बोलने का सुख, सुनने का सुख, सुनाने का सुख, चलने का सुख, चलानेका सुख, दोड़ने का सुख, दौड़ाने का सुख, भागने का सुख, भगानेका सुख, पढने का सुख, पढानेका सुख, हंसने का सुख, हंसाने का सुख, रोने का सुख, रुलानेका सुख, जागने का सुख, जगानेका सुख, बेठने का सुख, बिठाने का सुख, सोने का सुख, सुलाने का सुख, प्यार करने का सुख, प्यार कराने का सुख, मिलने का सुख, मिलाने का सुख, लेने का सुख, देने का सुख, चुम्बन करने का सुख, चुम्बन कराने का सुख….
- हर प्रकार के सुख के लिए हम लोग चारो और भागते फिरते है….
मनके साथ जुड़ा हुआ है वह मानसिक सुख,
- यदि आप अच्छा कम कर शकते नहीं तो जो लोग काम करते उसमें टांग क्यों मारते हो?
- मन वोही करता है जो हम सोचते है,
- विचार तब आता है जो हम देखते है,
- बल्कि जब हम नहीं देखते तब भी विचार तो आते ही है, पुरानी यादो में जब मन चला जाता है,
- यदि हम किसीके घर जाते है, और हमर मना करने पर भी मित्र हमें प्रेम से खाना खिलते है, तो मुजे शारीरिक सुख यानि भूख की तृप्ति हुइ पर मित्रके मन की और भी सुख की प्राप्ति होती है,
- मानसिक संतुलन जब भी बिगड़ता है, तब हमें मालूम भी नहीं होता की हम क्या कर रहे है?
- मन उदास तब होता है जब आपको कोई गलत तरीके से फ़साना चाहते है,
wait for more मन की बात …….